Pitru Ashtak पितृ अष्टक
पितृ अष्टक (Pitru Ashtak) मराठी स्तोत्र का पाठ पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए किया जाता है। श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष में इसका पाठ करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार पर कृपा करते हैं। यहाँ आपको पितृ अष्टक मराठी में संपूर्ण पाठ, अर्थ और लाभ मिलेंगे।
पितृ अष्टक मराठी – अर्थ सहित
श्लोक १
जयांच्या कृपेने या कुळी जन्म झाला
पुढे वारसा हा सदा वाढविला
अशा नम्र स्मरतो त्या पितरांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ १ ॥
हिंदी अर्थ:
जिनकी कृपा से इस कुल में जन्म हुआ और जिन्होंने वंश परंपरा को आगे बढ़ाया, उन पितरों को मैं नम्रता से स्मरण करता हूँ और उन्हें साष्टांग प्रणाम करता हूँ।English meaning:
By whose grace I was born into this lineage and who carried forward the family heritage, I humbly remember those ancestors and bow to them with full devotion.
श्लोक २
इथे मान सन्मान सारा मिळाला
पुढे मार्ग तो सदा दाखविला
कृपा हीच सारी केली तयांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ २ ॥
हिंदी अर्थ:
जिनके कारण हमें यहाँ मान-सम्मान प्राप्त हुआ और जिन्होंने हमें सदा सही मार्ग दिखाया, उन पूर्वजों की कृपा को मैं प्रणाम करता हूँ।English meaning:
They blessed us with honor and respect in this world and guided us on the right path; I bow with gratitude to those revered ancestors.
श्लोक ३
मिळो सद् गती मज पितरांना
विनती हीच माझी त्रिदेवतांना
कृती कर्म माझ्या मिळो मोक्ष त्यांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ ३ ॥
हिंदी अर्थ:
मेरी प्रार्थना है कि मेरे पितरों को सद्गति मिले। मैं त्रिदेवताओं से प्रार्थना करता हूँ कि मेरे कर्म और कृत्य से उन्हें मोक्ष प्राप्त हो।English meaning:
May my forefathers attain liberation. I pray to the three deities that through my deeds and rituals, my ancestors achieve eternal peace.
श्लोक ४
जोडून कर हे विनती तयांना
अग्नि वरूण वायु आदी देवतांना
सदा साह्य देवोनी उध्दरी पितरांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ ४ ॥
हिंदी अर्थ:
मैं अग्नि, वरुण, वायु आदि देवताओं से विनती करता हूँ कि वे सदैव सहायता करके पितरों का उद्धार करें।English meaning:
I join my hands and pray to Agni, Varuna, Vayu, and other deities to always aid and uplift my ancestors.
श्लोक ५
वसुरूद्रदित्य स्वरूप पितरांना
सप्तगोत्रे एकोत्तरशतादी कुलांना
मुक्तीमार्ग द्यावा ऊध्दरून त्यांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ ५ ॥
हिंदी अर्थ:
जो पितर वसु, रुद्र और आदित्य स्वरूप हैं तथा सप्तगोत्र और सैकड़ों कुलों के रक्षक हैं, वे पितर हमें मोक्षमार्ग प्रदान करें — ऐसे पूर्वजों को प्रणाम।English meaning:
The ancestors who embody the forms of Vasus, Rudras, and Adityas and who protect countless clans — may they grant the path of liberation; I bow to them.
श्लोक ६
करूनी सिध्दता भोजनाची तयांना
पक्वान्ने आवडीनें बनवून नाना
सदा तृप्ती होवो जोडी करांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ ६ ॥
हिंदी अर्थ:
विभिन्न प्रिय पकवान बनाकर भोजन की सिद्धि कर, पितरों की तृप्ति हो — ऐसे पितरों को मैं साष्टांग प्रणाम करता हूँ।English meaning:
By preparing their favorite dishes and offering food with devotion, may my ancestors always be satisfied; I bow to them with reverence.
श्लोक ७
मनोभावे पुजूनी तिला, यवाने
विप्रास देऊन दक्षिणा त्वरेने
आशिष द्याहो आम्हा सकलांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ ७ ॥
हिंदी अर्थ:
हृदय से यव अर्पित करके और ब्राह्मणों को दक्षिणा देकर जब पूजा की जाती है, तब पितर हम सबको आशीर्वाद दें — ऐसे पूर्वजों को प्रणाम।English meaning:
Through heartfelt offerings of barley and donations to Brahmins, may the ancestors bless us all; I bow down to them.
श्लोक ८
सदा स्मृती राहो आपुलीच आम्हा
न्यून काही राहाता माफी कराना
गोड मानुनी घ्यावे सेवा व्रतांना
नमस्कार साष्टांग त्या पूर्वजांना ॥ ८ ॥
हिंदी अर्थ:
हमारे मन में सदैव आपकी स्मृति बनी रहे। यदि कोई कमी रह जाए तो कृपया क्षमा करें और हमारी सेवाओं व व्रतों को प्रेम से स्वीकार करें।English meaning:
May your memory always remain within us. If any shortcomings occur, please forgive us and kindly accept our devotion and service.
✨ इस प्रकार पितृ अष्टक का भाव है — पितरों की कृपा से ही जीवन, सम्मान और वंश परंपरा संभव है। उनके लिए कृतज्ञता, तर्पण और स्तोत्र का पाठ करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
FAQ
Q1. पितृ अष्टक का पाठ कब करना चाहिए?
पितृ अष्टक का पाठ विशेष रूप से पितृ पक्ष या श्राद्ध के दिनों में सुबह या संध्या समय करना उत्तम माना जाता है।
Q2. पितृ अष्टक पढ़ने से क्या लाभ होता है?
इस स्तोत्र का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है और बाधाएँ दूर होती हैं।
Q3. पितृ अष्टक किस भाषा में उपलब्ध है?
यह स्तोत्र मराठी भाषा में उपलब्ध है, साथ ही अर्थ और लाभ भी दिए गए हैं।